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प्रभु महावीर का जीवन: हमेशा भीतर ध्यान केंद्रित, पाँच भाग शृंखला का भाग १

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जैसे क़ुआन यिन बोधिसत्तवा, अवलोकितेश्वरा, वह समय समय पर, जीवन दर जीवन अवतार लेती हैं। लेकिन कभी कभी वह पत्नी थी, सिर्फ़ एक सामान्य पत्नी, और कभी कभी, वह कोई और थी।
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