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प्रभु महावीर का जीवन: धर्म का जन्म- चक्रवर्ती, पाँच भाग शृंखला का भाग २

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कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्या देश या क्या सरकार, यदि आपके पास कुछ सोच है, ह्रदय में थोड़ी सहानुभूति है, कुछ समझ क्या सही है, क्या ग़लत है, फिर यह मानवों और जानवरों का दासत्व बहुत, बहुत पहले ख़त्म हो जाना चाहिए था मेरे जन्म लेने से पहले ही। यह करने के लिए सही चीज़ होनी चाहिए। हम आशा करते हैं यह जल्दी आए।
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