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सुप्रीम मास्टर चिंग हाई अंतरराष्ट्रीय संस्था के भारत से समाचार में…जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण एशिया में 2024 के मानसून सीजन की भारी बारिश ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में मनुष्यों और पशु-जनों दोनों को प्रभावित किया है। नदियों में बाढ़ आने से लाखों लोग विस्थापित हो गए। 250 से अधिक लोगों की जान चली गयी। खेत और आवासीय क्षेत्र जलमग्न हो गए, जिससे आजीविका और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ।इस दुखद समाचार से अत्यंत दुखी होकर हमारे परम प्रेममय गुरुवर ने लिखा: "प्रिय अकाउंटेंट और सी.पी., कृपया सबसे असहाय पीड़ितों के लिए अत्यंत आवश्यक चीजें खरीदने के लिए 40,000अमेरिकी डॉलर भेजें (और सुनिश्चित करें कि यह उन्हें प्राप्त हो)। आजकल ऐसी दुःखद घटनाएँ अधिक हो रही हैं। और अधिकांश सरकारें और लोग बदलाव की परवाह नहीं कर रहे हैं। एक व्यक्ति की क्षमता सीमित होती है। जैसे एम और ज्यादा नहीं कर सकते, सिवाय दुख में रोने के! आशा है कि हमारी दुनिया के लिए चीजें जल्द ही बेहतर होंगी। परमेश्वर के प्रति मेरे सम्पूर्ण प्रेम के साथ!”17 जुलाई, 2024 को हमारे भारतीय संस्था के सदस्य जोरहाट, असम, भारत पहुंचे। वहां, उन्होंने जोरहाट जिले के अधिकारियों से मुलाकात की, जिन्होंने सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों के लिए राहत सामग्री ढूंढने और वितरित करने में बहुमूल्य मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की।हमारे परम प्रिय गुरुवर के अद्भुत प्रबंधों और आशीर्वाद से, हमारे संस्था के सदस्यों को स्थानीय जोरहाट व्यवसायियों से भी सहायता प्राप्त हुई, जिन्होंने आवश्यक राहत सामग्री के लिए सर्वोत्तम संभव मूल्य की पेशकश की। हमारी संस्था की राहत टीम ने 2,400 पैकेजों का अनुरोध किया, जिनमें से प्रत्येक में 19 वस्तुएं थीं, जैसे खाने के लिए तैयार वीगन भोजन, पकाने के लिए तैयार वीगन सामग्री और मच्छरदानी। इन दयालु व्यवसायियों ने असम राज्य के चयनित बाढ़ प्रभावित गांवों में सामान की पैकिंग और डिलीवरी में भी सहायता की। प्रत्येक स्थान पर, हमारे संस्था के सदस्यों ने हमारे परम प्रिय गुरुवर की तस्वीर वाले एक बैनर के नीचे राहत सामग्री वितरित की, जिसमें यह संदेश था कि यह सहायता सुप्रीम मास्टर चिंग हाई जी (वीगन) की ओर से है। बाढ़ प्रभावित लोग अक्सर गुरुवर की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर अपना सम्मान प्रकट कर रहे थे। गांव के मुखियाओं ने भी गुरुवर के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए पावती पत्र भेजे।